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असोसिएट अल्कोहल एंड ब्रेवरिज लिमिटेड को हुआ सील, अब तक 27 पोजिटिव

जांच के लिये भेजे गये थे 164 सेम्पल



बड़वाह/खरगोन -  कुछ दिनों पूर्व बड़वाह नगर के समीपस्थ नगर की सबसे बड़ी मजदूर नियोक्ता असोसिएट अल्कोहल ऐण्ड  ब्रेवरीज में काम करनेवाले 2 कमर्चारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके पश्चात उन कर्मचारियों के कार्यस्थल को सेनेटाइज करके बन्द कर दिया गया था परंतु शेष फेक्ट्री में उत्पादन कार्य पूर्ववत जारी था। 164 कमर्चारियों के सैम्पल लिए गए थे, जिनमे से 25 कमर्चारियों की रविवार रात आई रिपोर्ट पॉजिटिव है। इतने बड़े संस्थान जहां सैकड़ों कमर्चारी  कार्यरत है और अनेको की आवाजाही बनी रहती है। ट्रांसपोर्टर्स और आबकारी अमले की भी नियमित  उपस्थिति रहती है उसे संक्रमितों के पाए जाने के बाद भी उत्पादन करने देना प्रशासन की बड़ी भूल साबित होता नजर आ रहा है। अब तक नगर में संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा इसी शराब फेक्ट्री से आया है और ये सभी आसपास के क्षेत्र के ही निवासी है ऐसे में इनकी ट्रेवल हिस्ट्री से ना जाने कितने पॉजिटिव केस सामने आना बाकी है।आज सुबह राजस्व अमले ने खोड़ी फेक्ट्री का दौरा कर मैनेजर एच के भंडारी से सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेते हुए फेक्ट्री बन्द करने के निर्देश दिए हालांकि श्री भंडारी ने नियमो का हवाला देते हुए बन्द करने के फैसले पर हल्की आपत्ति जताई परंतु एसडीएम ढोके और थाना प्रभारी द्विवेदी के साथ बहस के बाद 4 घण्टे का समय लेकर बन्द करने पर सहमती दी। उल्लेखनीय है कि कल रात 25 लोगो के संक्रमण की पुष्टि के बावजूद भी बॉयलरों पर उत्पादन जारी था मैनेजर भंडारी ने खुद एसडीएम साहब के समक्ष 4 घण्टे से पूर्व फेक्ट्री बन्द करने में असमर्थता जताई और बड़ी संख्या में कर्मचारी के कार्यरत होने की बात स्वीकारी। इस पर एसडीएम ढोके ने उन्हें जमकर लताड़ा। इसके उपरांत एक अन्य दौरे मे डिप्टी कलेक्टर व पुलिस  अधीक्षक की अगुवाई मे कम्पनी को पुर्ण रूप से सील कर दिया गया। 


अपना काम बनता भाड में जाये जनता


उल्लेखनीय है की फेक्ट्री में कार्यरत पशुपतिनाथ तिवारी के पुत्र की शादी उत्तरप्रदेश में उनके पैतृक ग्राम में संपन्न हुई थी वहां से आने के बाद उन्होंने जांच नही कराइ और सीधे अपने कार्य में जुट गये जिसके बाद संस्था के केशियर विनोद केडिया और जयपाल सिंह पॉजिटिव पाए गये संभवतया इन्ही दोनो से अन्य कर्मचारियों में संक्रमण फैला संक्रमण की पुष्टि होने के बाद दोनों कर्चारियों के कार्य स्थल को सेनेटाइज कर बंद कर दिया गया था और बाकी लोगो के सैंपल जांच के लिए भेजे गये जिसके बाद 25 और संक्रमित पाए गये जिसकी रिपोर्ट देर रात आने के बाद भी फेक्ट्री में दुसरे दिन एसडीएम के पहुचने तक उत्पादन जारी था फेक्ट्री कर्चारियों के अलावा ट्रांसपोर्टर और वेस्ट मटेरियल के क्रेताओ के वाहनों की आवाजाही भी बनी रहती जिससे संकरण के अन्य क्षेत्रों में फैलने का खतरा भी बना रहता है इतनी लापरवाही के बावजूद भी मुख्य प्रबंधक प्रशासन से समय मांगते नजर आये 



जिन्हे क्वारंटीन सेंटर मे रखना था उनसे भी करवाया गया काम
 कम्पनी परिसर मे 2 लोगो के पॉजिटिव आने के बाद जिनके सेम्पल लिये गये थे,उन लोगो को  प्रशासन के द्वारा होम आयसोलेसन करवाया जाना था लेकिन उन लोगो के द्वारा रिपोर्ट आने तक कम्पनी मे काम पर रखा गया। जिससे यह जाहिर होता है कम्पनी प्रशासन को लोगो के स्वास्थ  की चिन्ता कम व अपने लाभ/हानी की चिन्ता अधिक है। इसका ताजा उदाहरण यह है की जब SDM श्री मिलिन्द धोके ने कम्पनी के डायरेक्टर   हर्शन कुमार भंडारी को कम्पनी सील करने के आदेश दिये, तब भंडारी द्वारा  SDM को राष्ट्रीय हानी का हवाला देते हुये कूछ समय की माँग की गयी।


मीडिया कर्मियो को रोकने की नाकाम कोशिश
रविवार रात 9 बजे के आसपास 25 लोगो के पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अगली सुबह प्रशासनिक अमले के दौरे के दौरान मिडियाकर्मी कवरेज हेतू गये थे जिन्हे कम्पनी के सुरक्षा गार्डो द्वारा  रोकने की काफी कोशिशे भी की गयी, जिसके उपरांत एसडीएम श्री धोके के आदेश के उपरांत कवरेज की अनुमती दी गयी।


 


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