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किल कोरोना अभियान में की लापरवाही, एक की सेवा समाप्त एक का निलंबन


खरगोन - जिले में 1 जुलाई से 15 जुलाई तक पूरे जिले में किल कोरोना अभियान चलाया गया था। इस अभियान में दल को कोरोना के लक्षणों के अलावा ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करना, जिन्हें अन्य बीमारी भी परिलक्षित हो रही है। खरगोन के वार्ड क्र.27 में भी यह अभियान चलाया गया था, लेकिन दल ने संलग्न एएनएम श्रीमती कंचन टेमनिया एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती चंद्रिका सोलंकी ने निर्देशों का ठीक तरह से पालन नहीं किया। इनके वार्ड क्र.27 साहकार नगर में गत दिनों कोरोना संदिग्ध मरीज की मृत्यू हुई है, जो 19 जुलाई को जिला चिकित्सालय के फीवर क्लिनिक में दिखाने उस स्थिति में आई थी। जब उन्हें 5 दिनों से बुखार और सांस लेने में समस्या होने के अलावा उनकों ब्लडप्रेशर और अस्थमा की बीमारी थी। दल में शामिल कंचन व चंद्रिका ने मृतक के बारे में पूर्व में अभियान के दौरान कोई भी सूचना नहीं दी। जबकि ऐसे व्यक्तियों के बारे में पृथक से सूचित करने के निर्देश दिए गए थे। इन दोनों के द्वारा न तो कोई जानकारी दी गई और नहीं फीवर क्लिनिक के लिए रेफर किया गया। जबकि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ऐसे ही लक्षणों वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर समय पर उपचार देने के लिए प्रारंभ किया गया।

चंद्रिका सोलंकी व कंचन टेमनिया द्वारा की गई इस लापरवाही से मृतक को समय पर उपचार नहीं मिल पाया, जिससे उनकी स्थिति और भी खराब हो गई। यदि मृतक को समय पर अस्पताल लाया जाता, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। इस कृत्य को कदाचरण की श्रेणी में मानते हुए इनके द्वारा जो लापरवाही बरती गई तथा पदीय कर्तव्य के निर्वहन में रूचि न लेते हुए उदासीनता बरती गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चंद्रिका सोलंकी को परियोजना अधिकारी सुश्री वंदना देसाई ने तत्काल प्रभाव से पद से पृथक कर दिया है। इसी तरह एएनएम कंचन टेमनिया को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3(1)(2) 3क(ग) के विपरित माना है। इन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रजनी डावर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निलंबन अवधि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिरन्या निर्धारित किया है।


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