कन्नौद - विगत दिनों हाटपिपलिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बागली को मुख्यमंत्री द्वारा जिला घोषित करने का एलान करने से घाट नीचे बागली एवं खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने ना सिर्फ घोर निंदा की बरन जागरूक होकर जिला बनाओ संघर्ष समिति के आवाहन पर पूर्ण रूप से अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर विरोध जताया स्वयं बागली जिले के कांटा फोड़ सतवास लोहारदा जो महत्वपूर्ण क्षेत्र है ने भी अपनी तहसील बागली को जिला बनाने के लिए विरोध में खड़े हो गए । स्मरण रहे शनिवार को जिला बनाओ संघर्ष समिति के आव्हान पर घाट नीचे का समूचा क्षेत्र मुख्यमंत्री की घोषणा के विरोध में सड़क पर उतर आया और खुल कर राजनीतिक भावना को छोड़कर एकजुट होकर प्रदेश सरकार के आंका श्री शिवराज सिंह चौहान की उस घोषणा के विरोध में आवाज उठाने लगा बागली में हमको नहीं जिला चाहिए तो सिर्फ घाट नीचे किसी भी तहसील को जिले का दर्जा दो और जिला घोषित करो नहीं तो हम सरकार के विरोध में क्रमबद्ध हौकर सरकार की इस घोषणा के विरोध में सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को बाध्य में होंगे। शनिवार सुबह से ही घाट नीचे 6 को जिला बनाने के लिए जिला संघर्ष समिति के सदस्यों ने भूमकर नगर के सभी प्रतिष्ठानों को अभूतपूर्व सहयोग के साथ दीया समिति ने तहसील स्तर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की जनता को भी अपने इस आंदोलन में सम्मिलित करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानें भी उस दिन जिले की मांग को लेकर सुबह से लेकर शाम तक बंद रखी नासिक बंद रखी बरन अपने अपने क्षेत्र के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन दिए जिसमें बागली को जिला बनाने का विरोध करते हुए घाट नीचे के खातेगांव कन्नौद, सतवास, हरणगांव किसी को भी जहां शासन को उचित लगे जिला घोषित करने की मांग की गई हमारे प्रतिनिधियों ने शनिवार को विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया जिसमें खेड़ा के श्री जगदीश पटेल तथा रिंकू सोनावा ने ग्राम रतवाय केसरी रामभरोस ग्राम डोकाकोई के सरपंच श्री विनोद तापड़िया हमारे प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए स्पष्ट शब्दों में प्रदेश शासन से कन्नौद को जिला बनाने की बात कही श्री विनोद तापड़िया का कहना है आजादी से पहले नेमावर जिला था और सभी जिला अधिकारियों का कार्यालय कन्नौद मे था किंतु आजादी के बाद जनता की चुनी हुई सरकार आई तो पुनः प्रदेश में जिले के गठन किए गए उसमें नेमावर को हटाकर देवास को जिला घोषित किया गया और यहां के सभी अधिकारियों की इस स्थापना देवास कर दी गई जब कन्नौद में समुचित जिलास्तर की सुविधाएं उपलब्ध है और इसी के साथ वर्तमान में कन्नौद, खातेगांव क्षेत्र अपने जिले से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर पड़ता है
यह क्षेत्र प्रदेश के सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है क्योंकि क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं है इस कारण इस क्षेत्र के शिक्षित वर्ग और मजदूर वर्ग प्रदेश के विभिन्न शहरों में जाकर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए काम करने जाते हैं जबकि क्षेत्र में मुख्य रूप से गेहूं सोयाबीन चना ज्वार कपास की फसल कार्यक्षेत्र माना जाता है इसी के साथ घाट नीचे काफी सगन घने वन है जिसमें सैकड़ों बीमारी की औषधियां उपलब्ध है इसी के साथ माता नर्मदा का नाभि स्थल और पौराणिक काल था सिद्धेश्वर मंदिर धर्मेश्वर मंदिर जामवंत गुफा के साथ अनेक रमणी क स्थल है जैसे खिवनी अभ्यारण सिया घाट मणि घाट जयंती माता सेमरी देवी सत नगरी हथिनी शीला, शुकलिया, ठीकरिया, बांधचंद्र, केसरबांध और भगवान श्री परशुराम जी के द्वारा अपने माता पिता के पिंड दान इसी क्षेत्र के नर्मदा तट पर किए थे जिसके पौराणिक साक्षी आज भी मौजूद हैं इतना सब कुछ होने के बाद भी क्षेत्र का विकास आजादी से लेकर आज तक नहीं हो सका जबकि खातेगांव विधानसभा क्षेत्र से क्षेत्रीय राजनेता चुने गए किंतु चुने हुए जनप्रतिनिधि की सरकार नहीं रही और सरकार रही तो उनकी बात वजनदारी के साथ विधानसभा में नहीं उठा सके यही कारण रहा यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा हुआ है जहां एक भी कल कारखाने नहीं जिससे यहां के बेरोजगार को रोजगार मिल सके इतना ही नहीं कन्नौद खातेगांव सब डिवीजन में दो एसडीएम कार्यालय तीन तहसीलदार एक एडिशनल एसपी 6 पुलिस थाने तीन प्रस्तावित पुलिस थाने तीन टप्पा नायब तहसीलदार कार्यालय खोले जाने का प्रस्ताव शासन के पास है इस तरह क्षेत्र में प्रशासनिक अमला मौजूद है वही शिक्षा की दृष्टि से 5 कॉलेज हैं यह सब देखते हुए प्रदेश शासन को घाट नीचे के क्षेत्र को जिला घोषित करना चाहिए इस बात को लेकर क्षेत्र की जनता का आंदोलन चल रहा है
इस आंदोलन को सभी राजनीतिक दलों ने खुले रुप से समर्थन दिया है क्षेत्र के सांसद और विधायक भी क्षेत्र में जिला घोषित करने की बात कर रहे हैं इसके बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बागली को जिला घोषित कर क्षेत्र के साथ ना इंसाफी कि है। इस बात का समुचित क्षेत्र ने एक स्वर में विरोध करते हुए सभी क्षेत्रों से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से अपील की गई है यह आपने घोषणा पर पुनर्विचार करें और भौगोलिक स्थिति का क्षेत्र के जिला तथा संभाग स्तर के अधिकारियों से उनकी राई लेकर सही निर्णय करें संग 1982 में देवास के तत्कालिक जिला वन मंडल अधिकारी तथा जिला कलेक्टर ने प्रदेश शासन को देवास जिले में कन्नौद को जिला बनाने के लिए पत्र भी लिखे थे जिसमें प्रत्येक बिंदु पर दोनों अधिकारियों ने विस्तार के साथ सुझाव दिए थे जो आज भी सचिवालय में धूल खा रहे हैं उस फाइल को पुनः खोली जाए और वर्तमान संभाग जिला अधिकारियों के विचार लिए जाएं उनकी जो भी राय होगी वह क्षेत्र के लोगों को स्वीकार होगी क्षेत्र के लोग अगर बागली जिला घोषित किया जाता है तो इसको बागली में मिलाने के लिए करा विरोध करेंगे
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