बडवाह - छठ पर्व के तीसरे दिवस शाम चार बजे से ही व्रतधारी महिलाए एंव पुरुष तट पर पहुंचने लगे थे। पुरुष सिर पर रखी टोकरी में फल, मुली, गन्ना एवं ठकुआ (आटे एवं शकर से बना व्यंजन) इत्यादि रखकर चल रहे थे। वही महिलाए हाथो में आरती की थाल लिए आगे बढ़ रही थी। जैसे ही सूर्यदेव अस्त होने के करीब पहुंचे। महिलाओं ने अस्त होते सूर्य की पूजा कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। सभी ने सामूहिक रूप से एकत्र होकर सूर्यदेवता को अर्ध्य देकर पूजा की। जब तक सूर्यदेव पूरी तरह से अस्त नही हुए महिलाए पानी में ही खड़ी रही। इसके बाद महिलाओं ने घाट पर नर्मदा जी का पूजन कर दीपदान भी किया। व्रतधारी महिलाओ ने बताया की तीसरे दिन महीलाओ ने पुरे दिन निर्जल उपवास किया था। रात्रि के समय महिलाओं ने अपने घर में छठी माता के भजन भी गाए। शनिवार सुबह उदय होते सूरज की आराधना के साथ पर्व का समापन हुआ। इस अवसर पर नर्मदा तट पर बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे। श्रद्धा और आस्था से सराबोर भक्तों ने सुख समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के साथ पर्व की अंतिम पूजन अर्चना कर व्रत समाप्त किया
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