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खबर का असर : जागा प्रशासन |
देवास (पं रघुनंदन समाधिया) - कन्नौद ओवरलोड रेत के भरे हुए डंपर को लेकर साप्ताहिक चलता चक्र द्वारा समाचार लगाए जाने के बाद प्रशासन आया हरकत में, प्रशासन के अधिकारी पहुंचे चापड़ा जहां पर बैरियर पर जांच करने पर सभी डंपरों मैं रॉयल्टी में दर्शाए गए मापदंड से दो और तीन गुना रेत भरी पाई गई अनेक डंपर में तो पटिये लगाकर 40 टन से भी अधिक रेत भरी गई जिनको प्रशासन के अधिकारियों ने मशीनों के माध्यम से मौके पर कटवाया और ओवरलोड भरी रेत वहीं पर खाली करवाई 80 फ़ीसदी डंपरों मैं निर्धारित मापदंड से 2 गुना 3 गुना रेत भरी गई थी। जब यही खनिज विभाग के अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी संदलपुर बैरियर पर तैनात है तो फिर 80 किलोमीटर दूर जाकर चापड़ा में बैरियर पर इनको रोका गया तो प्रश्न उठता है। संदलपुर बैरियर पर पहरेदारी कर रहे कर्मचारी खाक छान रहे थे? कैसे इनको वहां से पास किया यह जांच का बिंदु है इसके बाद क्या पुलिस ने इन ओवरलोड डंपर से चंदा लेना बंद कर दिया या चंदे में ज्यादा रकम देने लग गए जो नेमावर से लेकर चापडा तक का सफर बगैर किसी रोक-टोक के पहुंच गए इसकी भी जांच की जानी चाहिए क्योंकि तीनों पुलिस थाने इंदौर बैतूल हाईवे मुख्य सड़क पर है और इन तीन थानों की गिध्द के समान सड़क से गुजरने वाले वाहनों पर रहती है थोड़ी बहुत भी कमी दिखती है तो तुरंत पुलिस उस वाहन के पीछे लग जाती है फिर कन्नौद खातेगांव क्षेत्र में खदान से कोई दो दर्जन ट्रैक्टर के माध्यम से सूरज उगने से पहले ही ऑर्डर वाले व्यक्ति के घर ट्रैक्टर खाली हो जाते हैं । इस बीच एक पुलिस वाहन प्रतिदिन इनकी चौकसी कर के इनसे चंदा वसूली करता है नहीं देने पर ट्रैक्टर को जप्त करने की बात करता है डर के मारे प्रत्येक ट्रीप पर ट्रैक्टर मालिक चंदे के रूप में ₹500 देता है जिसकी गुप्त रूप से जांच की जाना चाहिए यह पुलिस वाहन किस अधिकारी का है उसकी भी जांच की जानी चाहिए और उसके विरुद्ध शक्ति के साथ कदम उठाना चाहिए।
मां नर्मदा मे रात और दिन छोटी बड़ी नौकाओं के माध्यम से खदान के आसपास भारी मात्रा में रेती का संग्रहण किया जा रहा है और उसको ट्रैक्टरों के माध्यम से बगैर रायल्टी के भरा जाता है यह सब खनिज विभाग और क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों तक जानकारी है इसके बावजूद बेरोकटोक क्षेत्र में बगैर कोई परेशानी के मिल रही है कुल मिलाकर नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का आतंक मचा हुआ है जिसमें इसकी रोकथाम के जिम्मेदार दिन दूना रात चौगुना धन कमाने में लगे हुए हैं सही मायने में इनकी जांच की जाए तो यह तैनात अधिकारी कर्मचारी करोड़पति बन चुके हैं। और इस बहती गंगा में ना सिर्फ क्षेत्र के वरन जिला स्तर तक के उच्च अधिकारी कुबेर पति बन रहे हैं प्रदेश सरकार अगर गंभीरता के साथ रेत उत्खनन से लेकर उपभोक्ता के घर तक उपलब्ध हो रही रेत की जांच करें और बहुत कुछ चौकानेवाले परिणाम सामने आ सकते हैं क्या प्रदेश सरकार प्रदेश का मुखिया जो आम जनता के बीच में भू माफिया, अवैध कारोबारी, सूदखोर, और मवालिइयो को दस फुट जमीन में गाड़ने की बात कर रहे है । जब अपने प्रतिनिधित्व क्षेत्र और उससे लगे हुए क्षेत्र मैं भ्रष्टाचार का बोलबाला है। क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान देंगे।
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