मंडला (निप्र) - जिला जेल के कंपाउंडर को एक विचाराधीन कैदी के पथरी के इलाज के लिए रिश्वत मांगना महंगा पड़ गया। जब सात हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने जिला जेल के कंपाउंडर को रंगे हाथ पकड़ा लिया। अभी लोकायुक्त की टीम कार्रवाई में जुटी हुई है। यह कार्रवाई रेडक्रॉस भवन के पास मंडला में की गई है। मिली जानकारी अनुसार रवींद्र पटेल जंतीपुर निवासी ने शिकायत की थी। शिकायत का अवलोकन कर तमाम सबूत जुटाए जाने के बाद गुरुवार को सुबह कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जब जिला जेल का कंपाउंडर आरोपित मनोज डोंगरे पिता महिपाल डोंगरे रिश्वत ले रहा था। उस वक्त लोकायुक्त की टीम मौके पर पहुँच गई और उसे रंगे हाथ धर दबोचा। लोकायुक्त की कार्रवाई से जेल प्रशासन में खलबली मच गई है।
पथरी का इलाज कराने ली थी रिश्वत:
आरोपित कंपाउंडर मनोज डोंगरे ने 7 हजार रुपये की रिश्वत रविन्द्र पटेल से इसलिए मांगी थी। कि वह उसके जीजा संजय सिंगोर विचाराधीन क़ैदी को पथरी का इलाज करा देगा एवं समय पर दवाएं उपलब्ध कराएगा। लेकिन टीम ने कंपाउंडर को रिस्वत की राशि लेते ही अपने कब्जे में कर लिया। फिलहाल टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इस करवाई की जानकारी लगते ही हडकंप मच गया। जिला जेल में इस तरह की घटना को लेकर अनेक चर्चाएं व्याप्त रही।
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