जिले मे 132 ग्रामों में किया जा रहा है एसीडी सर्वेक्षण का कार्य
देवास (पं रघुनंदन समाधिया) - कलेक्टर श्री चन्द्रमौली शुक्ला के मार्गदर्शन मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों क्रियान्वयन किया जा रहा हैं। जिले के नागरिको को सहज सरल स्वास्थ्य सेवाये मिल सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समस्त कार्यक्रमो का सर्वेक्षण कार्य समय-समय पर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले मे राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत एसीडी सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम.पी.शर्मा ने बताया कि जिले मे राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत ऐसे ग्राम जिनमे विगत 5 वर्षो मे कुष्ठ रोग के केस निकले है उन ग्रामों मे एक्टीव केस डिटेक्शन (एसीडी ) सर्वेक्षण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ.अशोक वर्मा को बनाया गया है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम मे पीएमडब्ल्यु और एनएमए सुपरवाईजर द्वारा विकासखण्ड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले मे 132 ग्रामो मे एसीडी सर्वेक्षण अभियान का कार्य किया जा रहा है। देवास शहरी क्षेत्र के 12 वार्ड, बरोठा के 24 ग्राम, सोनकच्छ मे 10 ग्राम, टोंकखुर्द मे 21 ग्राम, बागली के 11 ग्राम, कन्नोद के 18 ग्राम, खातेगांव के 36 ग्राम को चिंहित कर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी शर्मा ने बताया कि कुष्ठ एक रोग है, जो कुष्ठ के रोगाणुओं से होता है अन्य किसी कारण से नहीं होता। कुष्ठ के रोगाणु वायुमण्डल से श्वांस द्वारा हमारे शरीर में पहुँचते रहते है। 99 प्रतिशत व्यक्तियों में कुष्ठ रोग के रोगाणुओं से लड़ने की प्राकृतिक शक्ति इम्युनिटी होती है और उन्हें यह रोग हो ही नहीं सकता। जिन एक प्रतिशत व्यक्तियों में यह प्राकृतिक शक्ति नहीं होती या कम होती है उन पर कुष्ठ के रोगाणु असर करते है, उन्हें यह रोग हो सकता है, उनमें से कुष्ठ के लक्षण उभर सकते है। कुष्ठ रोग के रोगाणु मुख्यतः चमड़ी, श्लेष्मा, झिल्ली व तंत्रिका तंत्र पर असर करते है। चमड़ी के ऐसे प्रभावित भाग पर सुन्नपन-सुखापन आ जाता है, पसीना नहीं आता, खुजली, जलन, चुभन नहीं होती व चमड़ी का रंग बदरंग, चमड़ी के रंग से फीका हो जाता है। एस.डी.टी. की पहली खुराक से ही 99 प्रतिशत कुष्ठ के रोगाणु निष्क्रय हो जाते है। शुरुआत में कुष्ठ की पहचान हो जाने पर एवं एस.डी.टी. दवाओं से इसका इलाज हो जाने पर व्यक्ति बिना विकृति के ठीक हो जाता है। कुष्ठ छुआछुत का रोग नहीं है। इसका इलाज घर-परिवार में रहकर आसानी से किया जाता है। कुष्ठ रोग से नहीं डरे, जाँच करा कर उपचार करायें। सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं है।
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