बुरहानपुर (निप्र) - नेपानगर के समीप इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग के किनारे सतपुड़ा की पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक असीरगढ़ के किले की एक दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया। दीवार गिरने के चलते किले तक जाने वाले पैदल मार्ग को आम लोगों के लिए बंद करना पड़ा। पुरातत्व विभाग के अनुसार बुधवार देर रात को असीरगढ़ के किले तक पहुंचने वाले पैदल मार्ग पर दूसरे दरवाजे के ऊपर का हिस्सा भरभराकर गिर गया। घटना देर रात में होने के चलते वहां कोई नहीं था। जिसके कारण कोई जनहानि नही हुई, लेकिन घटना के बाद सुरक्षा की दृष्टि से आम लोगों के लिए किला बंद कर दिया गया। सूचना मिलने पर गुरुवार को पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लेकर मरम्मत का काम शुरू करवाया। पुरातत्व विभाग के अनुसार क्षेत्र में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते कमजोर हिस्सा गिर पड़ा। जिसे जल्द से जल्द ठीक कर आम जनता के लिए फिर से खोला जाएगा।
बारिश में पत्थर भी दरकते हैं
गौरतलब है कि सैंकड़ों वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक किले का सही ढंग से रखरखाव नहीं होने के चलते अब इस प्राचीन इमारत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। असीरगढ़ के कई ऐसे हिस्से हैं जो पहले भी धराशायी हो चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार इनकी सुध नहीं ले रहे हैं। वहीं हर साल बारिश में असीरगढ़ किले व पहाड़ी के पत्थर दरकते रहते हैं। असीरगढ़ के ग्रामीणों के अनुसार प्राचीन इमारतों के रखरखाव के लिए पुरातत्व विभाग से लाखों रूपये का आवंटन प्रतिवर्ष होने के बाद भी इस प्राचीन किले की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जगह-जगह जर्जर होती विरासत पर ना ही पुरातत्व विभाग ध्यान देने को तैयार है और ना ही जिला प्रशासन। यदि समय रहते इन प्राचीन इमारतों का सही ढंग से रख रखाव नहीं किया गया तो यह पुरातन संस्कृति की धरोहरें महज इतिहास के पन्नों में ही देखी जा सकेगी।
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