खंडवा लोकसभा सीट से ज्ञानेश्वर पाटिल; रैगांव से प्रतिमा बागरी, जोबट से सुलोचना रावत व पृथ्वीपुर से शिशुपाल यादव होंगे भाजपा उम्मीदवार
भोपाल (चक्र डेस्क) - आखिरकार बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 1 लोकसभा व 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय कर दिए हैं। खंडवा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल का नाम फाइनल किया गया है। जबकि रैगांव से प्रमिमा बागरी,जोबट से सुलोचना रावत व पृथ्वीपुर से शिशुपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि खंडवा लोकसभा सीट पर दो नामों पर भी सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में पैनल में ज्ञानेश्वर पाटिल, राजपाल सिंह तोमर, हर्ष सिंह चौहान व अर्चना चिटनीस का नाम दिया गया था। हालांकि प्रदेश संगठन इस सीट पर ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहती है। ऐसे में ज्ञानेश्वर पाटिल का नाम फाइनल किया गया। पृथ्वीपुर सीट से शिशुपाल सिंह यादव व गणेशीलाल नायक का नाम पैनल में भेजा गया था। इसमें से शिशुपाल यादव के नाम पर दिल्ली में मुहर लगी। इसी तरह रैगांव से जिला महामंत्री प्रतिमा पाटिल को टिकट दिया गया है। जबकि यहां से पुष्पराज बागरी के नाम पर भी विचार किया गया। जोबट से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं सुलोचना रावत को उम्मीदवार बनाया गया है। मध्य प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा उपचुनाव के लिए 8 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। कांगेस ने चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। बीजेपी के प्रत्याशियों के नाम बुधवार आधी रात को फाइनल किए। इनकी औपचारिक घोषणा आज सुबह की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दोपहर 1 बजे खंडवा में ज्ञानेश्वर पाटिल के नामाकंन दाखिल के दौरान मौजूद रहेंगे।
25 साल बाद बीजेपी ने OBC चेहरे पर खेला दांव
बीजेपी ने खंडवा लोकसभा सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसा 25 साल बाद हुआ, जब बीजेपी ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) पर दांव खेला है। इस सीट पर 1996 से लेकर 2019 तक बीजेपी ने नंदकुमार सिंह चौहान (राजपूत) लगातार उम्मीदवार बनाया। लेकिन उनके निधन के बाद इस सीट पर बीजेपी को उम्मीदवार का चयन करने में बड़ी उलझन का सामना करना पड़ा। प्रदेश सगंठन ने चार नामों का पैनल दिल्ली भेजा था। दावेदारों की लिस्ट में सांसद नंदकुमारसिंह के बेटे हर्षवर्धनसिंह का नाम पहले नंबर पर था लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बयान दे चुके थे कि भाजपा परिवार या वंशवाद की पोषक नहीं है, यह सब कांग्रेस में चलता है। इसके बाद ही यह कयास लगाए जाने लगे थे कि ज्ञानेश्वर पाटिल और राजपालसिंह तोमर में से किसी एक को टिकट मिलेगा। पाटिल को टिकट देने के पीछे उनकी निर्विवाद छवि बताई जा रही है।
Comments
Post a Comment