नीमच (ब्यूरो) - नीमच के अग्रणी शासकीय महाविद्यालय के प्रभारी लेखापाल को कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है. उस पर 1 लाख 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. आरोपी जुगल किशोर बैरागी ने विद्यार्थियों की फीस में 45 लाख का गबन किया था. उसने जिले अग्रणी स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 2012 से 2015 के बीच यह गबन किया था. उस वक्त जुगलकिशोर कॉलेज में प्रयोगशाला तकनीशियन था और लेखापाल का अतिरिक्त प्रभार भी उस पर था.
आरोपी ने भारतीय स्टेट बैंक के खाते से 8 चेक के माध्यम से 7 लाख 29 हजार 140 रुपए निकालकर उसे स्वयं उपयोग में लिया. छात्र-छात्राओं से ली गई फीस के 38 लाख 138 रुपए बैंक में जमा नहीं करते हुए बैंक की 69 फर्जी जमा पर्ची तैयार कर रिकॉर्ड में प्रस्तुत कर दी थी. इस तरह कुल 45 लाख की राशि का गबन उसने किया. ऑडिट के दौरान गबन का खुलासा हुआ था. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आरोपी के खिलाफ नीमच सिटी थाने में केस दर्ज करवाया गया था. चालान न्यायालय में पेश किया, जहां 5 साल तक चली सुनवाई के बाद जिला अदालत ने आरोपी जुगल को 6 अलग-अलग धाराओं में 5-5 साल की सजा के साथ कुल 1 लाख 20 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया. शासकीय अभियोजक शादाब खान ने बताया कि इस मामले में आरोपी ने ही लिखित में यह बात स्वीकार की है कि उसने फीस की राशि का स्वयं उपयोग किया है. उसने यह भी स्वीकार किया कि उससे गलती हो गई है. राशि उसके वेतन से काटकर वसूल ली जाए.
Comments
Post a Comment