बड़वाह (निप्र) - तहसील विधिक सेवा समिति बड़वाह की अध्यक्ष एवं प्रथम अपर जिला न्यायाधीश डॉ. शुभ्रा सिंह द्वारा उपजेल बड़वाह में बंदियों से अपेक्षा की कि आप जो भी अपराध कर जेल आये ।उसका आत्मचिंतन करे।हमसे जो गलती हुई, वह हम आगे नही करेगे।जेल से बाहर निकलने परपर्आयशिश्त करे अन्य पांच लोगो को बोले कि अपराध ना करे। जेल में इस समय लगभग 158 बंदियों की उपस्थिति है, जिसमें 9 बंदी ऐसे हैं जो सजायाफ्ता है, जबकि 149 बंदी ऐसे हैं जिनके मामलों का निराकरण होना अभी बाकी है। बंदियों द्वारा उपस्थित न्यायाधीशगण को अपने मामलों को लेकर अधिवक्ता, विधिक सहायता अथवा गवाहों से संबंधित जो समस्याएं थी वह अवगत कराई गई,। जिस संबंध में न्यायाधीशगण द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश गए। विधिक साक्षरता शिविर के साथ साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण शिविर सब जेल बड़वाह में लगाया गया।राजेश कर्मा ने बताया कि शिविर एमडी डॉक्टर आर के जयसवाल उपस्थित हुए और मरीजों का स्वास्थ्य संबंधित परीक्षण किया गया ।20 बंदियों को दांत से संबंधित रोग से संबंधित समस्या थी ।डॉक्टर कटारे द्वारा उनकी जांच की गई। 24 बंदियों की आंखें जांच की गई। 158 बंदियों का एचआईवी परीक्षण किया गया । हेपटाइटिस बी,सिफिल्स, शुगर,सीबीसी की जांच की गई। जेलर श्याम सिंह वर्मा द्वारा बताया गया कि बन्दियो में जिनको जो भी कला आती है हम उन को प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सहयोग भी देते हैं ।
बंदी माल सिंह पिता सीलदार जिसने पहले कभी भी चित्रकारी नहीं की , ना ही वह पढ़ा- लिखा है फिर भी उसके अंदर से इच्छा हुई कि मुझे पेंटिंग करना है और उन्होंने उसने मुझसे पेंटिंग का सामान मांगा। उसके द्वारा भारत माता की तस्वीर बनाई गई ।जो बहुत सुन्दर है विधिक साक्षरता शिविर में न्यायाधीश डॉ शुभा सिंह मैडम द्वारा बंदी के द्वारा बनाई गई पेंटिंग की तारीफ की गई। न्यायाधीश मैडम द्वारा जेलर श्याम सिंह वर्मा सर को निर्देश दिए गए कि जेल में मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिक प्रशिक्षण बन्दियो को दिया जाए। अलग-अलग शिविरों का आयोजन किया जाए। जिससे बंदी जेल के अंदर कुछ सीख सके और जब वह बाहर निकले तो वह यहां से कुछ लेकर कुछ सीख कर जाएं। विधिक साक्षरता शिविर में समस्त जेल स्टाफ ,पैरा लीगल वालंटियर दीपमाला शर्मा और नाजिर प्रदीप पाराशर उपस्थित रहे।
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