कन्नौद खातेगांव विकासखंड में 80 फिसदी सरपंचों द्वारा शासन की जनकल्याणकारी योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया
- विज्ञापन के रूपये हड़पने वाले सरपंचों की पहली लिस्ट
- भ्रष्ट से भ्रष्टाचार की ओर बढ़ता शिवराज का सुशासन
- सरपंचों ने सामुदायिक भवन का पैसा हड़प गए रिकॉर्ड में सामुदायिक भवन बना बता दिया
साप्ताहिक चलता चक्र की खास रिपोर्ट
मध्य प्रदेश शासन के मुख्य श्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र से लगा खातेगांव विधानसभा क्षेत्र जहां पर शिवराज के सुशासन को भ्रष्ट शासन के रूप में इस विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश सत्ता पक्ष के समर्थक सरपंचों ने भ्रष्टाचार कर कीर्तिमान अर्जित किया है।
देवास (चक्र डेस्क) - प्राप्त विस्तृत रिपोर्ट में मध्य प्रदेश तथा केंद्र शासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की गई है इन योजनाओं को अपनी ही पार्टी के समर्थक सरपंचों ने किस तरह दोहन किया दिवांगी देखना हो तो आप दोनों विकासखंड के किसी भी ग्राम में जाकर बड़े आसानी के साथ शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का भ्रष्टाचाररूप देख सकते हैं जहा केवल पंचायत के रिकार्ड में पंचायत द्वारा किए गए कार्यों का लेखा जोखा है किंतु मौके पर सुन्य बटा सन्नाटा देखने को मिलेगा। समय-समय पर अनेक सरपंचों की दासता को क्षेत्र के मीडिया कर्मियों ने सा प्रमाणित प्रकाशित किया जिस पर जांच भी चली दोषी पाए गए खर्च की गई राशि वसूलने के आदेश भी दिए गए किंतु बाद में सारी फाइल बंद हो कर रख दी गई राजनीतिक दबाव के चलते अनेक सरपंचों के भ्रष्टाचार की फाइल जिला कलेक्टर के कार्यालय में धूल खा रही है। राजनीतिक दबाव के चलते फाइल बंद वस्ते में रख दी गई है। कन्नौद जनपद पंचायत के क्षेत्र में ग्राम गुडवेल के सरपंच सत्यनारायण जोशी के कारनामों को जब मीडिया में उजागर किया गया और तत्कालिक सी ई ओ ने जांच के आदेश दिए थे जांच में शिकायत सही पाए जाने पर जिला कलेक्टर देवास को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजा गया था जहां से खर्च की गई राशि को वसूलने के लिए निर्देश दिए गए थे किंतु राजनीतिक दबाव के चलते वह फाइल भी जिला कलेक्टर के कार्यालय में दबी रखी है। इस तरह के अनेक उदाहरण खातेगांव कन्नौद विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में देखने को मिलेंगे जहां पर शौचालय योजना आवास योजना सड़क नल जल योजना सामुदायिक भवन सहित अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया और लाखों रुपया सरपंच ने अपनी जेब में डाल लिया शिकायत के बाद भी राजनीति की कठपुतली बना जिला प्रशासन इन सब शिकायतों को दरकिनार कर चुप्पी साधे हुए बैठा है। अगर सही मायनों में पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार की जांच की गई तो करोडो रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।ग्रामीण क्षेत्र में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जिस तरह पलीता लगाया गया है उसकी जांच कराना चाहिए क्योंकि आने वाले समय में फिर से पंचायतों के चुनाव होना है और उन चुनाव में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर जोर शोर के साथ आवाज सुनाई देने लगेगी इसका उत्तर जिला प्रशासन और राजनेताओं के पास नहीं मिलेगा।
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