महारानी चिमनाबाई विद्यालय में बालिकाओं को सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई
देवास (पं रघुनंदन समाधिया) - नियमों का पालन ही अनुशासन है। प्रत्येक नागरिक के लिए अनुशासन सर्वोपरि है। अनुशासन जीवन की सुरक्षा की गारंटी है। जीवन सुरक्षा के लिये अपनाया जाने वाला अनुशासन नियमों के पालन द्वारा परिलक्षित होना चाहिये। जब बात सड़क की हो तो यातायात के नियमों का पालन जीवन सुरक्षा की पहली आवश्यकता है। घर से निकलकर पुन: घर पहुंचने तक हमारे जीवन की पतंग यातायात के नियमों की डोर से बंधी होती है। हम नियमों की डोर को मजबूती से थाम कर रखें और अपने जीवन को नित नई उंचाई प्रदान करें। सड़क पर यदि हम पैदल चलें तो सदैव दायीं ओर चलें ओर यदि किसी वाहन से चलें तो बायीं ओर चले। गियर वाली गाड़ी के लिये 18 वर्ष की आयु पूर्ण होना चाहिये। बिना लायसेंस कभी वाहन न चलाये। हम यातायात के लिये बनी सड़कों को रेस का मैदान न समझें। यदि हम कोर्ई वाहन चलाये तो धीमी गति से चलाये ओर यदि किसी के साथ हो तो उन्हें भी गति धीमी रखने के लिये प्रेरित करें। महारानी चिमनाबाई शा.क.वि. देवास में उपस्थित छात्राओं को यातायात के नियमों एवं बालिका सुरक्षा की जानकारी देतेे हुए यातायात निरीक्षक सुप्रिया चौधरी ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने छात्राओं से आग्रह किया कि सड़क पर कभी समूह बनाकर न चलें, इससे यातायात प्रभावित होता है एवं दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी केे साथ उपस्थित छात्राओं को यातायात शपथ भी दिलाई गई। प्राचार्य दिव्या निगम ने अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिये गंभीरता से यातायात सुरक्षा नियमों के पालन पर जोर दिया। इस अवसर पर रूचि व्यास, नीलम पटेरिया, मनोज बजाज, दिनेश चौधरी, आदिल पठान, संजय जोशी एवं नरेन्द्र शर्मा उपस्थित थे। कार्र्यक्रम के संयोजक प्रसून पंड्या थे।
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