साप्ताहिक चलता चक्र की वन विभाग के कारनामों की रिपोर्ट
खातेगांव (निप्र) - खातेगांव सब रेंज के अंतर्गत सैकड़ों की संख्या में नवीन भवन निर्माण हो रहा है 99% भवनों मैं सागौन के दरवाजे,चौखट लग रही है जिसमें 99% न ई लकड़ी लगती है पर वन अधिकारी ने एक भवन के भी मालिक से नये भवन मैं लग रही लकड़ी का सत्यापन नहीं कराया है यह लकड़ी आसमान से टपक रही है क्या?इतना ही नहीं जंगल क्षैत्र के देहाती गांव मैं जहां वन विभाग की चौकी बनी हुई है वन कर्मचारियों के साथ वन विभाग की सब रेंजर और इनके बरिष्ट अधिकारी का जाना आना अगर वन देखने गये हो तो वना रहता होगा इन चौकी कै सौ मीटर की रेंज में ही आपको नये सागौन वृक्षों की चौखट भारी पटियो के दरवाजे देखने को मिल सकते हैं क्या वन रेंज अधिकारी को पत्र कार को ले जाकर सत्यापन कराना होगा ? नये भवनों में आप जिम्मेदार अधिकारी हो कितने भवनों की खातेगांव डियूटी ज्वाइन करने से आज तक जांच कर कागजों पर रेकार्ड्स बनाया है ज़बाब देना चाहिए ।अभी तो मकानों में लगी बहूकिमती सांगवान की बात है आगे आपकी सब रेंज में कितने लायसेंस सुधा फर्नीचर व्यापारी हैं और उनके पास रेकारड में कितने घनमीटर सागवान है कितने घनमीटर से फर्नीचर बना है वील कितने जारी हुआ यह सब बिन्दु पर आपने क्या कभी रेकार्ड्स में जांच की है ?वाजार में सरकारी वील से आधे किमत पर आपके घर पहुंच सेबा दरवाजे,चौखट, फर्नीचर की सुविधा जो मिल रही है इसको अंजाम देने में अनेक वन चौकी पड़ती है फिर भी कैसे पास हो जाती है जबतक आप और आपका स्टाप इन माफियाओं से मिला हुआ नहीं होगा माल पास हो ही नहीं सकता यह सब आपके ही जंगल से अवैध रूप से हरे भरे वृक्षों को बेरहमी से काट काट कर लाया जाता है जब जगजाहिर हो जाय तो चोर नहीं तो साहूकार रहते हैं माफिया इसकी एवज में रोकड़ा कौन कौन का रहे हैं उसकी लांघी अमेरी में पकड़ी गई सागवान चिरान के जप्त करते समय आपका डिप्टी रेंजर श्री महेश वर्मा पहले से खड़े उस क्षैत्र के नाकेदार से संभाल करता है उसका चिठ्ठा आपको लिखित में देता है उस पर कार्रवाई क्यों नहीं किया जो अपनी निगरानी में काम करवा रहा था वहां उसको क्यो बचाया जा रहा है अभी तक जिसको निलंबित कर देना था जांच बैठा देनी चाहिए वहां रेंजर चुप क्यों हैं ?कूट कूट कर भरी भृष्टाचारी से आज खातेगांव सब रेंज से भारी विनास के जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से हटाकर राज्य स्तर से जांच की जानी चाहिए ।
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