सागर (निप्र) - सागर जिले की यह खबर आपको हैरान कर देगी. खराब सड़कों से जूझ रहे एमपी में जब एक निर्माणाधीन सड़क दो बरसों में भी पूरी नहीं बन पाई तो इससे गुजरने वाले परेशान हो गए. सबसे ज्यादा परेशानी रोजाना इस उबड़ खाबड़ सड़क से गुजरने वाले स्कूली बच्चों और शिक्षकों को हो रही थी. प्रशासन से बार-बार गुहार करने के बाद भी जब सड़क ठीक नहीं हुई उन्होंने खुद ही उसकी मरम्मत करने का बीड़ा उठा लिया. सोमवार को स्टूडेंट्स और टीचर्स हाथों में तगारी और फावड़े लेकर जुटे और सड़क के गड्ढों को भरना शुरू कर दिया. टीचर्स और स्टूडेंट का सड़क ठीक करने का यह वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जानकारी के अनुसार यह मामला सागर के सदर से गढ़पैरा किला और हनुमान मंदिर होते हुए नेशनल हाइवे को जोड़ने वाली लिंक रोड का है. यहां से स्कूल के बच्चों के साथ ही श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना जाना है. दो वर्षों से इस रोड का निर्माण रुका हुआ है. खराब सड़क की वजह से यहां आए दिन दुर्घटना का अंदेशा भी बना रहता है. सड़क को ठीक करने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
सीएम हेल्पलाइन ने तो हद ही कर दी
इस पर सीएम हेल्प लाइन में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई. हद तो तब हो गई जब सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत के जवाब में इस रोड के निर्माण को पूर्ण बता कर उसका चैप्टर ही बंद कर दिया गया. शासन की इस बेरुखी से तंग आकर सोमवार को महार रेजीमेंट पब्लिक स्कूल के टीचर्स और स्टूडेंट्स ने तगारी और फावड़े लेकर इस सड़क को ठीक करना शुरू किया ताकि वह चलने लायक बन सके. इन टीचर्स और स्टूडेंट्स ने मजूदरों की तरह काम करके इस काफी हद तक इस सड़क के गड्ढे भरे. इन टीचर्स और स्टूडेंट्स का सड़क ठीक करने का काम करते हुए के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं.
शासन-प्रशासन बेहद असंवेदनशील है
महार रेजिमेंट पब्लिक स्कूल के प्राचार्य कपिल देव शुक्ला का कहना है शासन-प्रशासन बेहद असंवेदनशील है. बकौल शुक्ला वे पिछले 1 वर्ष से इस मामले को लेकर पत्राचार कर रहे हैं. कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक हर जगह में गए. लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो हमने स्कूल की तरफ से गिट्टी-मिट्टी की व्यवस्था की. बाद हमारे टीचर और स्टूडेंट्स पढ़ाई छोड़कर सड़क पर आकर मजदूरों की तरह काम करके इसे ठीक रहे हैं. शुक्ला का कहना है कि स्कूल के बच्चे सुरक्षित रहें. पेरेंट्स उनको इतने विश्वास के साथ हमारे पास भेजा है तो हमे उनके विश्वास पर खरा उतरना है.
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