हाई कोर्ट ने नर्सों की हड़ताल पर जताई नाराजगी: कहा- जब स्ट्राइक अवैध है, तो अब तक क्यों नहीं की कठोर कार्रवाई, सरकार से लिखित में मांगा जवाब
जबलपुर (ब्यूरो) - मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सों की हड़ताल पर नाराजगी जताई है। उच्च न्यायालय ने कहा कि नर्सों की हड़ताल को अवैध घोषित करने के बावजूद स्ट्राइक क्यों की गई। इस मामले में प्रदेश सरकार से लिखित में जवाब मांगा है। दरअसल, प्रदेश के नर्सिंग स्टाफ अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिनों से हड़ताल पर बैठे है। वे अलग अलग तरीके से विरोध प्रद्रर्शन कर आक्रोश जता रहे है। प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे है। शुक्रवार को कुछ जिलों में पीपीई किट और ताली बजाकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। वहीं कुछ जगहों पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए महायज्ञ किया गया। हड़ताल की वजह से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा गई है। मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाए बंद नहीं है, लेकिन प्रभावित हो गई है। नर्सों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि नर्सों की हड़ताल जब इललीगल है तो अब तक कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उच्च न्यायालय ने सोमवार तक सरकार से लिखित में जवाव मांगा है। एडवोकेट जनरल ने कहा हड़ताली नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाई कोर्ट पिछली बार ही नर्सों की हड़ताल को असंवैधानिक बता चुका है।
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