भोपाल (ब्यूरो) - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को भोपाल के मानस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी की जयंती पर एक्टिव फ्रेण्डस भोपाल के संयोजन में "संत स्मरण दिवस: राजनीति के संत कैलाश जोशी" कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की देवास के ओल्ड फ्लायओवर और हाटपिपल्या की ITI का नामकरण स्व. कैलाश जी के नाम पर होगा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. कैलाश जोशी आमजन के लिए जीते थे। वे एक ऐसे तपस्वी व्यक्तित्व थे, जिनका कार्य और आचरण ही बोलता है। अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन कैलाश जी आम लोगों के लिए जीते थे। उनकी प्रतिबद्धता आमजन और समाज के प्रति थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कैलाश जोशी की जन्मस्थली हाटपिपल्या में आईटीआई का नाम स्व. कैलाश जी के नाम से किया जाएगा। इसी तरह देवास के ओल्ड फ्लाईओवर का नामकरण भी स्व. कैलाश जोशी जी के नाम से होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्व. कैलाश जोशी जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कैलाश जी सदैव अहंकार मुक्त रहते थे। वे गीता के उस श्लोक में बताए गए सभी गुणों से युक्त थे, जिसमें सात्विक कार्यकर्ता की पहचान राग-द्वेष से रहित रहने, अहंकार से मुक्त, धैर्यवान होने और उत्साहयुक्त बने रहने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक कार्य के प्रति उनका समर्पण दिखाई देता था। वे उत्साह से भरे रहते थे। उन्होंने अन्याय के खिलाफ अनेक आंदोलन किए। मुख्यमंत्री ने स्व. जोशी से जुड़े कुछ संस्मरण भी साझा किए। आमतौर पर विनम्र रहते थे, लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें क्रोध न आता हो। वर्ष 1974 में भोपाल में उप चुनाव के दौरान राजधानी में एक मतदान केन्द्र पर कैलाश जी का रौद्र रूप भी देखने को मिला था। वे अव्यवस्था और अनियमितता सहन नहीं करते थे। उनमें धैर्य का गुण भी विद्यमान था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके साथ मालवा अंचल के भ्रमण में उनकी लोकप्रियता देखने को मिली थी, जब देवास और अन्य जिलों के नागरिकों द्वारा उन्हें एक जीप भ्रमण के लिए भेंट की गई थी। उनके व्यक्तित्व के पहलू चमत्कृत करते हैं। आदर्श व्यवहार के धनी कैलाश जी इसलिए संत कहलाए। आधुनिक युग में संतों में कोई राजनीतिज्ञ था तो कैलाश जी और राजनीति में कोई संत थे तो कैलाश जी ही थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदर्श जनप्रतिनिधि कैसा हो, यह पूछा जाए तो स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जी के साथ ही कैलाश जी का नाम सबसे ऊपर उभर कर आता है। मुख्यमंत्री ने गीता एक अन्य श्लोक का उदाहरण देते हुए कहा कि वे ऐसे भक्त थे जो शत्रुता और मित्रता में समान भाव रखते थे। इसलिए आम जनता उनकी भक्त बन गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा जनप्रतिनिधियों को कैलाश जी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उनकी स्मृतियां सदैव हमारे मध्य रहेंगी।
कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि कर्तव्य पराणयता सीखना हो तो स्व. कैलाश जी से सीखी जा सकती है। वे मिलनसार और उदार व्यक्तित्व थे। उन्होंने हमेशा सिद्धांत आधारित राजनीति की।
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