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शिवराज सरकार धर्मांतरण कराने वाली संस्था को दे रही बढ़ावा - प्रियंक कानूनगो अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग


भोपाल (ब्यूरो) -
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रियंक कानूनगो ने कहा कि एमपी में बाल अपराध और धर्मान्तरण चिंताजनक है. ऐसा लगता है कि अपराधियों को बचाने का काम पुलिस कर रही है. पहले विदिशा में बेटी बाप के सुसाइड मामले में सुसाइड नोट के बाबजूद आरोपियों को बचाने का प्रयास किया और अब लटेरी में छेड़छाड़ से तंग आकर नाबालिग बच्ची के आत्महत्या मामले में पुलिस की कार्रवाई पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सवाल उठाये. प्रियंक कानूनगो ने कहा कि नाबालिग बच्ची छेड़छाड़ से परेशान होकर आत्महत्या करती है. विदिशा पुलिस ने पॉस्को एक्ट नहीं लगाया केस कमजोर करने की कोशिश पुलिस की तरफ से की गयी है. ऐसा लगता अपराधियों को बचाने काम पुलिस हो गया है. वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिवराज सरकार से पहले NCPCR तेज कार्रवाई कर रहा है.

यूनिसेफ दे रहा धर्मांतरण को बढ़ावा

एमपी में धर्मांतरण को लेकर NCPCR के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी संस्थाए जिन पर धर्मांतरण के आरोप है, वो एमपी में काम कर रही है जबकि ऐसी संस्थाओ का केंद्र से संबंध नहीं है. कानूनगो ने कहा कि यूनिसेफ जैसी संस्था से केंद्र से फिलहाल टाइअप खत्म किया है पर यूनिसेफ और उसकी संस्थाओं को एमपी में काम दिया जाना गलत है. एमपी की शिवराज सरकार को केंद्र के यूनिसेफ को लेकर फैसले तक इन्तजार करना चाहिए.  एमपी में धर्मांतरण को यहां के अधिकारी संरक्षण देते है. ये बात दमोह या अन्य मामलों की जांच में सामने आया है.

बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने सीधे-सीधे प्रदेश की शिवराज सरकार को न सिर्फ घेरा है, बल्कि धर्मांतरण करवाने वाली संस्था यूनिसेफ पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवराज सरकार ऐसी संस्था से टाईअप क्यों रख रही है? उनके ये बयान शिवराज सरकार को परेशान करने वाला है.

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