मप्र के लिए ये ऐतिहासिक क्षण, एकात्मता के लोकव्यापीकरण की वैश्विक प्रेरणा बनेगा - मुख्यमंत्री शिवराज
अनावरण पर होगा संत समागम, सिद्धवरकूट में जुटेंगे देशभर के संत
भोपाल (ब्यूरो) - मध्य प्रदेश के ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली होने से यहां ओंकार पर्वत पर उनकी 108 फीट ऊंची बहुधातु की एकात्मता की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका लोकार्पण 18 सितंबर को करेंगे। प्रतिमा के निर्माण को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने निर्माण की कुछ तस्वीरें शेयर कर लिखा है कि मध्यप्रदेश के लिए ये ऐतिहासिक क्षण हैं। आदि शंकराचार्य जी की अलौकिक प्रतिमा अपने भव्य स्वरूप में प्रकट होने जा रही है। सीएम शिवराज सिंह ने लिखा कि ‘शंकरावतरण’ सनातन संस्कृति के सतत् जागरण का प्रतीक है। ओंकारेश्वर में ‘एकात्म धाम’ विश्व बंधुत्व एवं एकात्मता के लोकव्यापीकरण की वैश्विक प्रेरणा बनेगा। बता दें कि निर्माण कार्य लगभग पूरा होने होने पर है। प्रतिमा का कार्य पूरा करने की समय सीमा पहले 31 अगस्त तय की गई थी। वही इसे बढ़ाकर पांच सितंबर तय किया, पर अभी फिनिशन कार्य बाकी होने से समय सीमा को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। इसके चलते प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर भी संशय की स्थिति बन गई है।
ओंकारेश्वर के दूसरे टापू पर स्थित जैन तीर्थंकरों की मोक्षभूमि सिद्धवरकूट में तीन दिवसीय संत समागम होगा। यह आयोजन 15 से 19 सितंबर के बीच होगा। इसकी कमान न्यास के ट्रस्टी स्वामी अवधेशानंद जी गिरि, स्वामी तेजानंदजी चिन्मय मिशन, स्वामी हरिब्रह्मोनंद्रानंद तीर्थ आचार्य आदि शंकरा ब्रह्म विद्यापीठ उत्तर काशी और गोविंद्रा गिरि महाराज पुणे के हाथों में रहेगी। इसमें देश भर के संत-सन्यासी, महंत, आचार्य, प्रमुख कथावाचक, अखाड़ा प्रमुख, महामंडलेश्वर और चारों पीठों के शंकराचार्य शामिल होंगे। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास संस्कृति विभाग की ओर से पांच हजार से अधिक आचार्य, महंत और संतों को आमंत्रण भेजा है।
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