नर्मदा में मिल रही गन्दगी, तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर-महेश्वर समेत 6 निकायों के खिलाफ परिवाद दायर, मांगी क्षतिपूर्ति
इंदौर (ब्यूरो) - मध्यप्रदेश प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले महीने खरगोन जिले के महेश्वर, मंडलेश्वर, बडवाह-सनावद, खंडवा जिले के ओम्कारेश्वर और बडवानी कुल 6 निकायों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर कर पर्यावरणीय क्षति पूर्ति की मांग की है. करोडो के खर्च के बाद भी निकाय नर्मदा नदी में गंदगी मिलने से नहीं रोक पा रहे है. बड़ी मात्रा में सीवरेज का पानी और ठोस अपशिष्ट नर्मदा नदी में मिल रहे है. जिससे जल की शुद्धता प्रभावीत हो रही है. जांच रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी मात्र बहुत अधिक है. बोर्ड ने निकायों को पत्र लिखकर कुल 42 करोड़ 50 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है. जांच रिपोर्ट्स से स्पष्ट होता है की निर्धारित मानकों से 10 गुना अधिक गन्दगी जल में मिल रही है. जाँच रिपोर्ट की बात की जाए तो मुख्य रूप से बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड और सस्पेंडेड सॉलिड 4 से 10 गुना तक आ रही है. मानकों से कई गुना अधिक प्रदूषित जल नर्मदा में छोड़ा जा रहा है. उपचारित पानी का बीओडी 10 मिलि प्रति लीटर होना चाहिए लेकिन वर्तमान 40-50 मिली प्रति लीटर आ रहा है. सीओडी 50 मिली प्रति लीटर होना चाहिए जो की 150-200 आ रहा है.
ओंकारेश्वर पवित्र और ऐतिहासिक नगरी घोषित है लेकिन सबसे अधिक गंदगी यहीं है. क्षतिपूर्ति की सबसे अधिक क्षतिपूर्ति ओंकारेश्वर से तो सबसे कम बडवाह से मांगी है. दुसरे नंबर पर महेश्वर है.बोर्ड अधिकारी अंकित बघेल ने बताया कि खरगोन जिले के महेश्वर,मंडलेश्वर,बडवाह और सनावद के अधिकारीयों को गन्दा पानी सीधे नर्मदा में छोड़ने के लिए कई नोटिस जारी किये गये, दूषित जल को उपचारित करने के लिए निर्देशित भी किया गया परन्तु इसके बावजूद कोई कार्यवाही ना करने पर क्षतिपूर्ति की कार्यवाही की गई. इन निकायों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रस्तावित है, कुछ काम हुआ भी है लेकिन अब तक प्लांट शुरू नहीं हो पाए.
खरगोन के महेश्वर,मंडलेश्वर, बडवाह और सनावद सहित ओंकारेश्वर और बडवानी के सीएमओ के खिलाफ न्यायालय में परिवाद लगाया है. सभी निकाय से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए पत्र लिखे गये है. पूज्यनीय नर्मदा नदी में गन्दगी मिलने मामले की सुनवाई एनजीटी में भी होगी - एसएन द्विवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, मप्र प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, इंदौर
Comments
Post a Comment