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जोर-शोर से शुरू हुई मप्र पुलिस की साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था 6 महीने में ही खत्म



    भोपाल (ब्यूरो) - पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जुलाई 2023 में और कमलनाथ ने दिसंबर 2018 में पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश देने के निर्देश दिए थे। दो तत्कालीन मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल रहा है। भोपाल पुलिस कमिश्नटेर में स्वीकृत बल में लगभग 480 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की कमी है, जिसमें 233 सिपाही हैं। इस वजह से पुलिसकर्मियों के तीन महीने में ही अवकाश बंद कर दिए गए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद अगस्त 2023 से पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था लागू हुई थी। रोज औसतन 14% मैदानी अमला साप्ताहिक अवकाश पर रहता था। भोपाल में हर दिन 600 पुलिसकर्मी अवकाश पर रहते थे। इसके पहले कमलनाथ सरकार में भी 1 जनवरी 2019 से अवकाश शुरू करने का आदेश डीजीपी ने जारी किया था। यह व्यवस्था कुछ हद तक लागू हुई। अलग-अलग पुलिसकर्मियों के अवकाश का रोस्टर तैयार किया गया। लेकिन फोर्स की कमी के चलते कुछ महीने में ये व्यवस्था बंद हो गई। 

साप्ताहिक अवकाश देने की ये भी थी व्यवस्था

  • पुलिस कमिश्नरेट भोपाल में लगभग 600 पुलिसकर्मी रोजाना साप्ताहिक अवकाश पर रहेंगे।
  • हर एसीपी संभाग से अधिकतम एक थाना प्रभारी साप्ताहिक अवकाश पर रहेगा।
  • साप्ताहिक अवकाश के दिन थाने को टू आईसी संभालेंगे।
  • पुलिस कमिश्नरेट के एक डीसीपी जोन में अधिकतम तीन थाना प्रभारी हर दिन साप्ताहिक अवकाश पर रहेंगे।
  • साप्ताहिक अवकाश रात्रि गश्त के अगले दिन दिया जाएगा।


500 सिपाहियों को किया गया था अटैच 

भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद 25 जिलों से 500 सिपाहियों को 2 माह के लिए भोपाल अटैच किया गया था। अफसर इन्हें उनकी मूल पदस्थापना जिले में वापस करना भूल गए थे। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर दो साल बाद इन्हें 3 जनवरी को रिलीव किया गया है। इससे फोर्स की कमी हुई, लेकिन पुलिस कमिश्नरेट को 732 नए सिपाही मिल गए।

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