भोपाल (ब्यूरो) - मध्य प्रदेश में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के 11 दिन बाद वोटिंग परसेंटेज में इजाफा को लेकर कांग्रेस निर्वाचन के आंकड़ों को चुनौती देने की तैयारी कर रही है। एमपी कांग्रेस ने एक पत्र जारी कर सभी बूथ एजेंटों को इसके लिए तैयार रहने के निर्देश दिए है। कांग्रेस की माने तो लोकसभा चुनाव में करीब 1 करोड़ से ज्यादा मतों का अंतर है। इसके लिए एमपी कांग्रेस ने फार्म 17 सी का प्रारूप भी जारी किया है। फार्म के आधार पर प्रति बूथ वोटिंग में अधिक मत प्रतिशत डाटा कलेक्शन का काम होगा। इसमें हर बूथ का अधिक मत प्रतिशत निकाला जाएगा। वहीं वीडियोग्राफी के साथ निर्वाचन के आंकड़ों को चुनौती दी जाएगी। बताते चलें कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। इस डेटा के आने के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और CPM जैसी पार्टियों ने पूछा कि आखिर चुनाव आयोग को इतनी देरी क्यों हुई।
कांग्रेस ने EC से पूछा सवाल
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक बयान में मतदान के बाद वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े में बढ़ोतरी को लेकर पार्टी की आशंकाएं जाहिर करते हुए कहा कि पहले चारों चरणों में 380 लोकसभा सीटों पर अंतिम आंकड़े में 1.07 करोड़ वोट चुनाव के इतिहास में अंतिम आंकड़े में कभी ऐसी बढ़ोतरी नहीं हुई और यह कैसे बढ़ा। खेड़ा ने कहा कि इसलिए लोगों के मन में चुनाव प्रक्रिया को लेकर संशय है जिसे दूर करने की सबसे पहले जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है क्योंकि देश में हर वोटर को चिंता है कि यह क्या हो रहा है, क्या कोई धांधली हो रही है? कई सवाल अनुत्तरित हैं जिसमें सबसे बड़ा सवाल है कि लाखों की संख्या में जसे ईवीएम गायब हुए थे वे कहां हैं? चुनाव आयोग से बार-बार हमने पूछा लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
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