भीषण गर्मी के बीच बिजली की डिमांड अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में अघोषित कटौती ने लोगों को परेशान कर रखा है। इस पर सरकार का दावा है कि बिजली की मांग बढ़ी है लेकिन हम उसके अनुसार अप्लाई कर रहे हैं।
भोपाल (स्टेट ब्यूरो) - मध्य प्रदेश में चढ़ते पारे के साथ बिजली की आंख-मिचौली ने जीना मुश्किल कर दिया है। पंखों ने तो पहले ही हाथ खड़े कर दिए थे। अब कूलर भी राहत देने में नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसे में एयरकंडीशनर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। बिजली की डिमांड पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। वहीं, ज्यादातर जिलों में अघोषित कटौती ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। सरकार का दावा है कि कटौती नहीं हो रही है। जितनी बिजली चाहिए, उतनी उपलब्ध है। भोपाल के बैरागढ़ में बिजली कटौती से तंग आकर लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदेश के अन्य जिलों से भी बिजली कटौती के विरोध की खबरें सामने आ रही है। इस बीच ऊर्जा विभाग का कहना है कि 23 मई को बिजली की अधिकतम मांग 13 हजार 955 मेगावाट दर्ज की गई। यानी 30.74 करोड़ यूनिट सप्लाई की गई। यह पिछले साल गर्मी में दर्ज पीक डिमांड से अधिक है। पिछले साल 19 मई 2023 को पीक डिमांड 12286 मेगावॉट थी, उस समय 26.68 करोड़ यूनिट सप्लाई हुई थी। हालांकि, गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की मांग भी बढ़ रही है। ऊर्जा विभाग के एसीएस मनु श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है। कहीं भी बिजली की कमी से कोई कटौती नहीं की जा रही है। यदि कहीं बिजली जाने की शिकायत है तो वह संबंधित क्षेत्र में तकनीकी दिक्कत के कारण हो सकती है।
ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती बढ़ी
मध्य प्रदेश के अधिकांश शहरों में पारा 40 डिग्री या उससे ऊपर चल रहा है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग घरों में 24 घंटे एसी, कूलर और पंखे का उपयोग कर रहे हैं। इससे बिजली की खपत भी बढ़ गई है। लगातार मांग बढ़ने से बिजली उत्पादन भी दबाव भी बढ़ा है। बिजली की उपलब्धता न होने से कई इलाकों में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। हालांकि, सरकारी अधिकारी बिजली कटौती की बात से इनकार कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में दिन तो दिन रात में भी बिजली कटौती हो रही है।
15 हजार मेगावाट पहुंची डिमांड
सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि जो सरकार दे रही है, वह डिमांड के नहीं बल्कि सप्लाई के हैं। प्रदेश में अघोषित कटौती के आंकड़े ही नहीं दिए जा रहे हैं। प्रदेश में डिमांड 15 हजार मेगावाट से अधिक हो गई है। इसकी तुलना में 14 हजार मेगावाट तक ही उत्पादन हो पा रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही डिमांड बढ़ती जाएगी। इससे अघौषित कटौती भी बढ़ना तय है।
कहां से कितना हो रहा है उत्पादन
23 मई 2024 के आंकड़ों के अनुसार 4570 मेगावॉट क्षमता के ताप विद्युत गृहों से 4070 मेगावाट बिजली उत्पादन किया गया। 2706 मेगावाट की क्षमता के पनबिजली संयंत्रों से 940 मेगावॉट, 2428 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्रों से 977 मेगावाट और 1670 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता से 1204 मेगावाट उत्पादन किया गया है। इसके अलावा एनटीपीसी से पांच हजार मेगावाट, रिलायंस पॉवर के सासन प्रोजेक्ट से 1350 मेगावाट की सप्लाई हो रही है।
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