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एमपी में 2150 केस, 4 की गई जान, अतिवृष्टि के बाद जल भराव पर बड़ी लापरवाही

डरा रहा डेंगू, याद आया 2018…



बुखार, सिर में तेज दर्द, बदन दर्द, कमजोरी, जोड़ों में दर्द, ठंड लगने से लेकर कमजोरी तक के लक्षण महसूस करने वाले मरीजों की संख्या शहर के अस्पतालों में लगातार बढ़ती जा रही है।

भोपाल (सागर मेहता) - मध्यप्रदेश में डेंगू घातक रूप लेता जा रहा है। सितंबर की शुरुआती हफ्ते में 1250 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं, जिसमें से 4 लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार बीते सा​ल की अपेक्षा इस बार सीजन में आने वाले डेंगू के सैंपलों की संख्या बढ़ी है। जानकारी के अनुसार  डेंगू से मौत के आंकड़ों की बात करें तो राजधानी भोपाल में अब तक डेंगू से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर, नर्मदापुरम और दूसरे शहरों से भी मौतों की खबर आ रही हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे लेकर किसी तरह के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। बीते साल जहां 8 से 10 मरीज रोज जांच के लिए आते थे, तो वहीं इस बार ये संख्या बढ़कर 18 से 20 हो गई है। वर्तमान में करीब 15 से 20 सैंपल डेंगू की जांच के लिए डेली आ रहे हैं। सीहोर के खात्याखेड़ी गांव के लखन लाल धनवारे के 35 साल के जवान बेटे की डेंगू की वजह से 1 सितंबर को मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार ग्वालियर में 2 सितंबर को जिले में डेंगू के 29, 4 सितंबर को 17 नए मरीज मिले थे। इनमें से 10 मरीज ग्वालियर शहर के हैं। इनमें 3 बच्चे 6 साल के हैं। बीते साल सितंबर में डेंगू के 230 मरीज मिले थे तब एक की मौत हुई थी। यहां बढ़ते हुए मरीजों को देखकर जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरके एस धाकड़ ने अस्पताल सुप्रिटेंडेंट और मेडिसिन विभाग को तैयारियां रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

इंदौर शहर में इस साल अब तक डेंगू के 132 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा जुलाई महीने में रिकॉर्ड 50 मामले सामने आ चुके हैं. बढ़ते मामलों से चिंतित स्वास्थ्य विभाग ने इसके रोकथाम के लिए एडवाइजरी जारी की है. राजधानी भोपाल में मंगलवार (4 सितंबर) को 35 साल के युवक की डेंगू से मौत का मामले सामने आने पर हड़कंप मच गया है। हालांकि, रैपिड टेस्ट होने के चलते स्वास्थ्य विभाग इसे संदिग्ध बता रहा है। वहीं, तीन नए डेंगू के मामले सामने आने के साथ ही अब मरीजों की संख्या 188 तक पहुंच गई है। डॉक्टर के अनुसार, बरसात के मौसम में डेंगू के मच्छर अधिक पनपते हैं और दिन में काटते हैं। डेंगू के मामले लगातार सामने आने पर अब जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। अब एलाइजा पद्धति से मरीजों की जांच कराई जाएगी। ग्वालियर शहर में डेंगू एक बार फिर से असर दिख रहा है। अब तक 254 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। डेंगू के मरीजों में 15 बच्चे भी शामिल हैं। आज डेंगू के सबसे अधिक 29 मामले सामने आए हैं। इनमें से 23 मरीज ग्वालियर शहर के हैं। 23 मरीजों में से एक साल से लेकर 16 साल तक के 15 बच्चे हैं। इस मामले में सीएमएचओ डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। जबलपुर में भी डेंगू का डंक जानलेवा हो चुका है। पिछले कुछ दिनों में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब तक डेंगू से 2 युवक और एक महिला की मौत हो चुकी है। इस साल अब तक 127 डेंगू पॉजिटिव मरीजों डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। यह आंकड़ा हर दिन लगातार बढ़ता जा रहा है।

डेंगू लार्वा का काम शहर में विभाग ठीक से नहीं कर पा रहा है। ऐसे में गली मोहल्ला से लेकर पाश एरिया तक में डेंगू फैल गया है। ग्रामीण क्षेत्र में लार्वा सर्वे कागजी खानापूर्ति से अधिक कुछ नहीं है। यही कारण है कि डेंगू मरीज ग्रामीण क्षेत्र में भी मिल रहे हैं। डेंगू का मच्छर आबादी में रहता है और घर के अंदर ही लार्वा पनपने की आशंका अधिक रहती है। इसलिए घर की सफाई करने से डेंगू को रोका जा सकता है। हालत यह है कि डेंगू लार्वा टीम ठीक से जांच तक नहीं कर रही है। कांग्रेस अब नगर निगम की लापरवाही को उजागर करने के लिए एक अनोखा प्रदर्शन करने जा रही है। शहर में डेंगू की बढ़ती समस्या के खिलाफ कांग्रेस ‘डेंगू मच्छर बाबा’ का विशाल भोज आयोजित करेगा। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संभागीय प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल और सूचना अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गिरीश जोशी ने बताया कि शहर में हर घर में डेंगू पीड़ित मिल रहे हैं, और इसका प्रमुख कारण नगर निगम की ओर से साफ-सफाई और फॉगिंग न किए जाने की लापरवाही है। इस लापरवाही के खिलाफ कांग्रेस ‘डेंगू मच्छर बाबा’ का विशाल भोज आयोजित करेगी।

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