बुरहानपुर (ब्यूरो) - नगर में रविवार को भव्य चुनरी यात्रा निकाली गई, जिसमें जिले भर से बड़ी संख्या में माता के भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ 151 मीटर लंबी चुनरी लिए शामिल हुए। नगर के दुर्गा माता चौक से भक्तों का पैदल जत्था लिए शुरू हुई इस यात्रा में एक ओर जहां स्थानीय सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल सहित बीजेपी से जुड़े कई लोग भी शामिल हुए थे, वहीं विधानसभा चुनाव में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले, पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र हर्षवर्धन चौहान भी सांसद पाटिल के साथ दिखाई दिये। करीब 25 किलोमीटर तक निकाली जा रही यह यात्रा लगभग सात घंटों के सफर के बाद देर शाम इच्छापुर माता मंदिर तक पहुंची, जहां बीते दस सालों की तरह ही इस साल भी इच्छापुर माता से निमाड़ क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना की। निमाड़ की खुशहाली, समृद्धि और विकास के लिए निकाली गई इस 151 मीटर लंबी चुनरी यात्रा में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल का अनोखा अंदाज भी नजर आया और वे कभी माता को चढ़ाई जाने वाली चुनरी थामे पैदल चलते दिखे। कभी माता के भजनों पर झूमते और गाते दिखाई दिए। यही नहीं, इस यात्रा के दौरान सांसद पाटिल ने ढोल भी बजाया, जिसे देखकर दूसरे श्रद्धालु आनंदित हो गए और सांसद पाटिल का यह अंदाज सभी को पसंद आया।
माता रानी के भक्तों पर बना रहे आशीर्वाद
वहीं इस यात्रा में शामिल बीजेपी के बागी हर्षवर्धन चौहान ने सभी को नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि हर साल की तरह ही इस साल भी, जो यह चुनरी यात्रा निकाली गई है, इसमें सभी भक्त बड़े उत्साह और भक्ति भाव के साथ शामिल होकर मां इच्छा देवी के चरणों में नमन करते हैं। इसके बाद मां इच्छा देवी के गढ़ पर जाकर इस यात्रा का समापन होता है और हम यही चाहते हैं कि यह यात्रा इसी तरह से श्रद्धा भक्ति भाव के साथ निकलती रहे। इधर इसे लेकर संसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि, हमारे यहां सुख शांति समृद्धि बनी रहे, और हमारे सभी सनातन धर्म में आस्था रखने वाले, हमारे सभी धर्म प्रेमियों को इससे माता रानी का आशीर्वाद मिलता है।
चुनरी बनाने वाली महिला किरण रायकवार ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष हम अपने घर पर इस चुनरी को तैयार करते हैं. इस चुनरी को बनाने में करीब 10 से अधिक महिलाएं जुटी रहती हैं. चुनरी 10 दिन में बनकर तैयार होती है और इसकी लंबाई 151 मीटर होती है. इस चुनरी यात्रा का बच्चों से लेकर बुजुर्गों को भी बेसब्री से इंतजार रहता है. जैसे ही आयोजन की तारीख तय होती है, सभी लोग आना शुरू हो जाते हैं. इस बार इस चुनरी यात्रा में महाराष्ट्र के ढोल भी आकर्षण का केंद्र हैं.
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