इंदौर (ब्यूरो) - राज्य सायबर सेल, इंदौर ने एक गंभीर मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और उनके मोबाइल फोन से नाबालिग बच्चों के कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए हैं। इस संबंध में राज्य सायबर सेल ने पूर्व में प्रकरण दर्ज किया था, जिसकी जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। जांच में पता चला कि दोनों आरोपी देवास जिले के खातेगांव तहसील स्थित सांदलपुर में एक प्रतिष्ठित एनजीओ में काम करते थे। यह एनजीओ आदिवासी एवं गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधा प्रदान करता है। आरोपी लक्ष्मीकांत पुत्र अरुण बागड़ी और प्रदीप पुत्र मधई बागड़ी, दोनों निवासी आगरा, गढ़बेटा (पश्चिम मेदिनीपुर), इसी एनजीओ में 'हाउस ब्रदर' के तौर पर कार्यरत थे।
टीआई दिनेश वर्मा की टीम ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से एक मोबाइल आईडी व ईमेल के जरिए बच्चों के आपत्तिजनक वीडियो अपलोड किए जाने की सूचना मिली थी। जांच में 15 वीडियो रिकवर किए गए। तकनीकी जांच में मोबाइल नंबरों की लोकेशन पहले पश्चिम मेदिनीपुर (बंगाल) और वर्तमान लोकेशन सांदलपुर (देवास) पाई गई।
जब सायबर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो आरोपी लक्ष्मीकांत बागड़ी ने बच्चों के वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम से अपलोड करने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि उसके साथी प्रदीप ने भी अपने मोबाइल में इस तरह के वीडियो अपलोड किए थे। टीआई दिनेश वर्मा ने पुष्टि की कि दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि जांच में बच्चों को प्रताड़ित किए जाने और उनके द्वारा अश्लील वीडियो फॉरवर्ड किए जाने के सबूत मिले हैं। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
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