Skip to main content

स्थापना दिवस: 70 वर्षों में कितना बदला भारत का ह्रदय प्रदेश

एमपी ने लगाई विकास में छलांग : प्रति व्यक्ति आय 584 गुना, आबादी पौने तीन गुना बढ़ी



चक्र डेस्क - राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर मध्य प्रदेश का जन्म हुआ था। जनसंख्या, कृषि, उद्योग आदि विकास के मापदंडों की समीक्षा के बाद 1956 में इस नए राज्य का गठन किया गया था। निर्माण के बाद लगातार प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बनाना गया। इसके बाद भी मध्य प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का दूसरा बड़ा राज्य है। एक नवंबर को मध्य प्रदेश अपनी स्थापना का 70वां वर्ष मना रहा है। पांच वर्ष बाद यह अपने जन्म की 75वीं जयंती यानि हीरक जयंती मनाएगा। 70वें स्थापना दिवस पर प्रदेश के विकास का आकलन करें तो पाते हैं राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 584 गुना बढ़ोतरी हुई तो आबादी में 2.78 गुना बढ़ोतरी हुई है। 



राज्य पुनर्गठन आयोग और मध्य प्रदेश 

आजादी के बाद 29 दिसंबर 1953 को भारत के राज्यों के पुनर्गठन के लिए जस्टिस सैयद फैसल अली की अध्यक्षता और हृदयनाथ कुंजरू, वल्लभ माधव पणिकर की सदस्यता में एक आयोग गठित हुआ था। इस आयोग ने 30 सितंबर 1955 को अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को प्रस्तुत की थी। राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश द्वारा की गई अनुशंसाओं को अमल में लाने के लिए लोकसभा में 18 अप्रैल 1956 को संविधान में नवम संशोधन विधेयक पेश हुआ और अक्तूबर में राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद 1 नवंबर 1956 को यह पूर्ण रूप से अधिनियम बना। आयोग की सिफारिशों के आधार पर सेंट्रल प्रोविजंस एंड बरार में शामिल मराठी भाषी जिले महाराष्ट्र में शामिल हो गए और 43 जिलों के साथ नए मध्य प्रदेश का गठन किया गया।
विज्ञापन



क्या कहा था नए प्रदेश के गठन के वक्त

राज्य पुनर्गठन आयोग ने अपने प्रतिवेदन में नए मध्य प्रदेश के संबंध में तर्क दिया था कि यह बहुत ही समृद्ध कृषि वाला राज्य होगा, क्योंकि यहां गेहूं, चावल पैदा करने वाला संपूर्ण क्षेत्र इसमें शामिल है। हालांकि, वर्ष 2000 में धान का कटोरा कहलाने वाला क्षेत्र छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य के रूप में गठित हो गया। 1956 की 31 अक्तूबर और 1 नवंबर की मध्य रात्रि को नए मध्य प्रदेश का गठन हुआ तब प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल ने अपने संदेश में नए मध्य प्रदेश को राष्ट्र के लिए शक्ति का अविरल स्त्रोत बताते हुए कहा था कि 'ऊपर लहलहाते खेत और नीचे भूमि रत्नगर्भा है'। वहीं, उनके बाद सीएम बने कैलाशनाथ काटजू ने कहा था प्रकृति ने इस भू-भाग के निवासियों को पुरस्कृत करने में अत्यंत उदारता से काम लिया है। 


मप्र शक्ति का अविरल स्रोत बना

आज प्रदेश की स्थापना के 70 वर्ष पूर्ण होने के बाद यह आकलन किया जाए कि क्या मध्य प्रदेश राष्ट्र के लिए शक्ति का अविरल स्रोत बन सका? क्या प्रकृति की अत्यंत उदारता प्रदेश के निवासियों को पुरस्कृत कर सकी? प्रदेश ने आर्थिक विकास की रफ्तार और प्रगति की राह को चुना और प्रगति के नए सोपान तय किए हैं।  मध्य प्रदेश ने बीते 70 वर्षों में कितनी प्रगति की है, इसकी झलक प्रदेश के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय से मिलती है। 1956 में मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 261 रुपये थी, जो वर्तमान में 1.52 लाख रुपये है। राज्य की प्रगति के साथ प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी वृद्धि हुई है।  

तीसरा सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादक राज्य

कृषि के क्षेत्र में प्रदेश ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, देश के किसी भी राज्य को लगातार सात बार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त नहीं हुए यह खिताब मध्य प्रदेश ने हासिल किया है। गेहूं की पैदावार में मध्य प्रदेश देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। दलहन उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। कपास उत्पादन में देश में प्रदेश का पांचवा स्थान है। जाहिर है कृषि क्षेत्र में प्रदेश ने काफी उन्नति की है। 

सवा सात करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं

प्रदेश में उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिलाकर 3,08,252 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसमें से 93,000 वर्ग किलोमीटर इलाका जनजाति क्षेत्र में है। ग्रामीण क्षेत्र 309505.59 वर्ग  किलोमीटर है, शहरी क्षेत्र में 7746 वर्ग किलोमीटर है, इस प्रकार 97.49 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार है। इस तरह प्रदेश की 7.26 करोड़ जनसंख्या तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं।

बजट बढ़कर कई गुना हुआ

वर्ष 2000-2001 राज्य का बजट 1,06,393 करोड़ रुपये का था, जो वर्ष 2024-25 में 3,26,383 करोड़ रुपये का अनुमानित है। राज्य में वर्तमान में 8586 शाखाओं के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा रही है। जो 33 प्रतिशत ग्रामीण और 67 प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों में है। इसके अतिरिक्त 38 जिला सहकारी बैंक 4536 प्राथमिक कृषि ऋण समिति भी कार्यरत है। 

निवेश के नए द्वार खुले

उद्योग, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन जैसे कई क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने प्रगति की है। प्रदेश में निवेश के नए द्वार खोले हैं और नई सुविधाएं मुहैया करवाने की घोषणाए की हैं। प्रदेश में रोजगार पर्याप्त उपलब्ध करवाया जा रहा है। प्रदेश के युवकों को रोजगार मिले इसके लिए प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया गया, प्रदेश में निवेश के लिए इंवेस्टर समिट का लगातार आयोजन किया जा रहा है। इससे उद्योगों को उचित सुविधा देकर प्रदेश में आमंत्रित किया जा रहा है। परिवहन के क्षेत्र में प्रदेश ने नए आयाम स्थापित किए हैं।


मध्य प्रदेश के गठन से आज तक की स्थिति एक नजर में...
 

क्रमांक     विवरण                               वर्ष 1956             वर्ष 2025

1     क्षेत्रफल (वर्ग किमी)                4,43,452        3,08,000
2     जिले (संख्या)                                          43                      55
3     संभाग (संख्या)                                    8                      10
4     प्रतिव्यक्ति आय (रुपये में)                261             1,52,615
5     जनसंख्या                           2,60,71,637          7,26,26,809(2011 के अनुसार अनुमानित 2025)
6     साक्षरता प्रतिशत (%)                     16.83                  69.32
7     शिक्षण संस्थाएं (संख्या)                   22,800                 79,215
8     विश्वविद्यालय (संख्या)                            1                       16
9     प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (संख्या)         100                  1,440
10     स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय (करोड़ रुपये मे   10                15,744
11     सड़कें (कुल लंबाई किमी में)            28,173                80,875
12     रेलमार्ग (किमी में)                              4,891                 5,188
13     वन क्षेत्र (वर्ग किमी)                 1,56,386 (छत्तीसगढ़ का भाग शामिल) 85,724
14     सिंचित कृषि क्षेत्र (लाख हेक्टेयर में)        8.24                      55
15     प्रदेश का बजट आकार (करोड़ रुपये में) 663.09     3,26,383 (अनुमानित)

Comments

Popular posts from this blog

लगातार ठिकाना बदल रहा आरोपी, मुंबई क्राईम ब्रांच की उज्जैन और ओंकारेश्वर में ताबड़तोड़ छापेमारी

उज्जैन (ब्यूरो) - एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल एक आरोपी की तलाश में मुंबई पुलिस की टीम मध्यप्रदेश पहुंची है। पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हत्या में और लोगों के शामिल होने का संदेह है। एक पुलिस अधिकारी ने मुताबिक, मुंबई पुलिस की एक टीम मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा (जो उत्तर प्रदेश के बहराइच का रहने वाला है) की तलाश कर रही है। ऐसी आशंका है कि वह मध्यप्रदेश में छिपा हो सकता है और उसे मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले और ओंकारेश्वर (खंडवा) में खोजा जा रहा है। रविवार शाम 7:30 बजे तक किसी का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने दावा किया कि संदिग्ध आरोपी संभवत: लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। दो आरोपी गिरफ्तार क्राइम ब्रांच अधिकारी ने रविवार शाम को मुंबई में मीडिया को बताया, मुंबई पुलिस ने 15 टीमें गठित की हैं, जिन्हें महाराष्ट्र से बाहर भेजा गया है और यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि शूटरों को किसने रसद सहायता प्रदान की? पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों से दो पिस्तौल और 28 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं...

हनुवंतिया रिसॉर्ट में रुके दंपती के जलाशय में मिले शव, जांच जारी

खंडवा (ब्यूरो) - पुनासा ब्लॉक स्थित मिनी गोवा कहे जाने वाले पर्यटन स्थल हनुमंतिया में बड़ा हादसा सामने आया है। यहां सोमवार को पानी पर तैरते हुए दो शव नजर आए, जिसे देख मौके पर मौजूद पर्यटन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मूंदी थाना पुलिस सहित बीड चौकी पुलिस को इसकी सूचना दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और शव को पानी से बाहर निकाला गया। शवों की पहचान भगवान सिंह धाकड़ (66) और उनकी पत्नी सुनीता बाई (इंदौर निवासी) थे, जो रिलायंस कंपनी में जनरल मैनेजर पद से रिटायर हुए थे। वे पत्नी के साथ हनुवंतिया घूमने आए थे। जिन्होंने ऑनलाइन ही यहां की बुकिंग की थी और इस दौरान वे यहां बने कॉटेज में ही रुके थे।  हनुवंतिया में दंपती की मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक भगवानसिंह का साला और भतीजा अपने परिवार के साथ हनुवंतिया पहुंचे। दंपती की दो बेटियां अमेरिका में डॉक्टर हैं। वे दोनों दो दिन के ट्रिप पर हनुवंतिया आए थे और सोमवार शाम को इंदौर लौटने वाले थे, लेकिन तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया। सोमवार सुबह एमपीटी रिसॉर्ट के मैन...

एमपी कांग्रेस में घमासान : पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर बड़ा आरोप, इंदौर कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखी चिट्ठी

इंदौर (ब्यूरो) - मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान जारी है। अब इसके दायरे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी आ गए हैं। इंदौर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिग्विजय पर बड़ा आरोप लगाया और इसको लेकर एक पत्र भी लिखा। देवेन्द्र यादव ने दिग्विजय सिंह पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि उस समय तो मैंने कुछ नहीं कहा लेकिन इस अपमान के जवाब में मैंने एक पत्र लिखा और उसे दिग्विजय सिंह की जेब में रख दिया।   देवेन्द्र यादव ने दिग्विजय सिंह को लिखे पत्र में कहा कि आपने बीजेपी के खिलाफ आंदोलन की जानकारी देते हुए कहा था कि पहले लोकसभा, विधानसभा और वार्ड जीतो। मैं बताना चाहता हूं कि आप के उम्मीदवार अक्षय बम जो 3 महीने पहले सक्रिय थे, अब बीजेपी में हैं। राजा मंधवानी, पार्षद अर्चना राठौड़ भी भाजपा में शामिल हुए लेकिन मैं भाजपा के खिलाफ लगातार आंदोलन करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।  दरअसल दशहरे पर इंदौर में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। इसी दौरान देवेन्द्र यादव भी उनसे मिलने पहुंचे।...